Tuesday 13 May 2014

अधिकार महिला दिवस मानाने का


कुछ दिनों पहले हमने महिला दिवस मनाया
 बधाई सन्देश सभी ने माँ बहनों तक पहुँचाया
 हमने कहा जरा अखबार तो देखें 
 महिलाओं पर क्या क्या लेख हैं

दो ही पन्ने अभी पलटे थे 


बलात्कार के कई मामले छपे थे 
कुछ कारों में कुछ ख्वाब्गारों में, 
कुछ खलिहानों में तो कुछ बाजारों में.

एक और था, बच्ची नाबालिग थी
एक सुन्दर पढ़ी लिखी काबिल थी 
कहते महिला का सम्मान करेंगे 
बदले में अस्मत लूट लेंगे.
कैसा सम्मान कैसा सत्कार 
सुनाई नहीं देती तुम्हें उनकी चीतकार
ओ अस्मत के ठेकेदारों 
जरा अपनी माँ बहनों की और निहारो
सोचो वो बेटी तुम्हारी माँ बहन या बीवी होती
छाती पीट पीट कर तुम्हारे समक्ष जब वो रोती
क्या उसकी पीड़ा तुम सह पाते 
कैसे उससे नज़र मिलाते
जागो पुरुष होश में आओ
जीवन दायिनी उस शक्ति को, 
व्यर्थ ही अबला न बनाओ
अब महिला दिवस तभी मनाना 
जब खुद को उस काबिल पाना   

प्रस्तुतकर्ता: उषा तिवारी 

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